Tata Steel Share Price एक बार फिर खबरों में है, लेकिन इस बार वजह थोड़ी चिंताजनक है। टाटा ग्रुप की प्रमुख कंपनी टाटा स्टील लिमिटेड को ओडिशा सरकार से ₹1,902.7 करोड़ का डिमांड लेटर प्राप्त हुआ है। यह डिमांड राज्य सरकार द्वारा सुकिंदा क्रोमाइट ब्लॉक (Sukinda Chromite Block) से खनिजों की डिस्पैच को लेकर रिवाइज असेसमेंट के आधार पर भेजा गया है।
Tata Steel को मिला डिमांड नोटिस
टाटा स्टील को यह नोटिस जाजपुर के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ माइन ऑफिस द्वारा भेजा गया है, जिसमें आरोप है कि कंपनी ने Minerals (Other than Atomic and Hydrocarbon Energy Minerals) Concession Rules, 2016 के नियम 12A का उल्लंघन किया है। इसके तहत परफॉर्मेंस सिक्योरिटी राशि को appropriation कर लिया गया है।
क्या कहा टाटा स्टील ने
“यह डिमांड पूरी तरह से तर्कहीन और बिना किसी ठोस आधार के है। हम इसके खिलाफ उचित न्यायिक या अर्ध-न्यायिक मंच पर कानूनी विकल्पों का सहारा लेंगे।”
— टाटा स्टील
डिमांड लेटर कंपनी के चौथे वर्ष (23 जुलाई 2023 से 22 जुलाई 2024) के ऑपरेशन से जुड़ा है और यह Mine Development and Production Agreement की शर्तों के अंतर्गत आता है।
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Tata Steel Share Price
इस खबर का सीधा असर Tata Steel Share Price पर भी देखने को मिला। शुक्रवार को कंपनी का शेयर 1.69% की गिरावट के साथ ₹163.10 पर बंद हुआ। यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब पहले से ही बाजार में वैश्विक अनिश्चितता बनी हुई है।
- 1 दिन में गिरावट: 1.69%
- 1 साल में गिरावट: 7.48%
Tata Steel Share Price Target
विशेषज्ञों का मानना है कि Tata Steel Share Price अब एक सपोर्ट ज़ोन के नजदीक है। यदि कंपनी इस कानूनी मुद्दे का जल्द समाधान कर पाती है, तो निवेशकों का भरोसा फिर लौट सकता है।
- ₹160: मजबूत सपोर्ट लेवल
- ₹170-₹175: अगला संभावित रेजिस्टेंस
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निवेशकों के लिए सलाह
Tata Steel एक ब्लू-चिप कंपनी है और भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी इसकी साख मजबूत है। हालांकि, ₹1902.7 करोड़ का यह डिमांड कंपनी की वित्तीय स्थिति पर अस्थायी दबाव जरूर डाल सकता है। लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह एक अल्पकालिक अस्थिरता मात्र हो सकती है।
निवेश रणनीति:
- अल्पकालिक निवेशक स्टॉप लॉस के साथ ट्रेड करें
- दीर्घकालिक निवेशक कानूनी स्थिति स्पष्ट होने तक वेट एंड वॉच की नीति अपनाएं
क्यों बना यह मामला बड़ा मुद्दा?
यह विवाद केवल वित्तीय नहीं, बल्कि नियम और प्रशासनिक व्याख्या का मामला बन गया है। अगर यह ट्रेंड बन जाता है कि राज्य सरकारें खनन कंपनियों पर इस तरह की डिमांड बिना स्पष्ट स्पष्टीकरण के भेजें, तो इससे अन्य माइनिंग कंपनियों के लिए भी जोखिम बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
Tata Steel Share Price में गिरावट के पीछे ओडिशा सरकार का भारी-भरकम डिमांड लेटर एक प्रमुख कारण है। कंपनी इसे चुनौती देने की तैयारी कर रही है और यदि कानूनी लड़ाई में फैसला इसके पक्ष में आता है, तो शेयर एक बार फिर ट्रैक पर लौट सकता है। फिलहाल निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और किसी भी बड़े निर्णय से पहले कंपनी की अगली अपडेट का इंतजार करना समझदारी होगी।